नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है, दोस्तों कल २५ जुलाई २०२२ सावन महीने का दूसरा सोमवार है। यह दिन खास विशेषपूर्ण है क्युकी इस दिन सोमप्रदोष की तिथि भी है। सावन के सोमवार के साथ ही इस दिन और भी खास योग बन रहे है।
इस दिन आप भगवान शिवजी की पूजा के साथ साथ माता पार्वती की पूजा करने से आपको सारे सुखों की प्राप्ति होगी आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होगी। सोम प्रदोष का व्रत बना है क्युकी इस सोमवार शाम को त्रयोदशी लग रही है। आजके लेख में हम जानेंगे सावन के दूसरे सोमवार को कियी जनि वाली पूजा और विधि के बारे में।
इस सावन के दूसरे सोमवार पर चार योग बन रहे है पाहिले उसके बारे में हम जानते है:
पचांगानुसार सावन के दूसरे सोमवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही और दो योग बन रहे है अमृत योग और धुव्र योग। ऐसे शुभ संयोगों में भगवान शिवजी की पूजा करने से सारे दुखों से मुक्ति मिलती है और जीवन में खुशिया आती है।
सर्वाथ सिद्धि योग की शुरवात सोमवार को सुबह ५:३८ से शुरू होकर 26 जुलाई को दोपहर १:१४ मिनट तक है। दूसरा योग है वो है अमृत सिद्धि योग २५ जुलाई को सुबह ५:३८ मिनट से शुरू होकर २६ जुलाई को दोपहर १:१४ मिनट तक है। और तीसरा योग है वह है धुव्र योग उसकी शुरुवात २४ जुलाई को दोपहर २:१ मिनट से शुरू होकर २५ जुलाई को दोपहर ३:३ मिनट तक है। और आखरी योग है वह है अभिजीत योग जिसकी शुरुवात सुबह ११:४८ मिनट से दोपहर १२:४१ मिनट तक है।
सावन के दूसरे सोमवार को आप सुबहजल्दी उठकर स्नान आदि करके व्रत का संकल्प लीजिए। उसके बाद शिवजी और माता पार्वती की मूर्ति को लेकर उसपर जलाभिषेक करिए। अगर आप घर पे है या किसी मंदिर में जा रहे है तो आप शिवलिंग पे गंगाजल, दूध, पंचामृत से उनका अभिषेक करे।
फिर उनको धोतरे के फूल, बेलपत्र, मदार के फूल अदि चढ़ाइए। उसके साथ माता पार्वती की भी पूजा करे माता पार्वती जी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाइए। ये होने के बाद धुप अगरबत्ती लगाकर उसके बाद ॐ नमः शिवाय इस शिवजी के महामंत्र का जाप कीजिए। उसके बाद शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ भी करे। सब पूजा होने के बाद आपसे कुछ भूल चूक हुई है तो उनसे माफ़ी मांग ले और बाद में पूजा का प्रसाद सभी में बाँट दे।
संध्या के वक्त शिव जी को प्रार्थना करे, शिव जी को अपने सरे संकट दूर करने की प्रार्थना करिये आपके सरे कष्ट उनको बताइए। आपके सारे कष्ट दूर होंगे। शाम की पूजा होने के बाद आप व्रत खोल दीजिये और सामन्य भोजन करिये