यह हैं 3 कुर्ते और 1 साइकिल वाला IIT प्रोफेसर, This is an IIT professor with 3 kurtas and 1 cycle
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यह हैं 3 कुर्ते और 1 साइकिल वाला IIT प्रोफेसर, जीते हैं आदिवासी जीवन, रघुराम राजन तक को पढ़ाया

आज हम आपको एक ऐसी शख्सियत के बारे में बताने वाले हैं, जो आईआईटी के प्रोफेसर होने के बावजूद पिछले 33 वर्षों से मध्यप्रदेश में एक छोटे से कोचमहू गांव में एक आदिवासी जिंदगी बिता रहे हैं। हम बात कर रहे हैं आईआईटी प्रोफेसर आलोक सागर की, जिन्होंने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और फिर अमेरिका के बेहद प्रसिद्ध ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई कर इसकी डिग्री हासिल की।

यह हैं 3 कुर्ते और 1 साइकिल वाला IIT प्रोफेसर, These are IIT professors with 3 kurtas and 1 bicycle

रघुराम राजन तक को पढ़ाया

आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने RBI के गवर्नर रहे रघुराम राजन तक को अपने समय में पढ़ाया है। आलोक सागर जी का जन्म 20 जनवरी 1950 ईस्वी को हुआ था। उनके इंजीनियरिंग करियर की बात करें तो उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक में इंजीनियरिंग की पढ़ाई को पूरा किया है। उन्हें यूएस जाने का भी मौका मिला, जहां 1977 में उन्होंने ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी से रिसर्च की डिग्री प्राप्त की।

आईआईटी दिल्ली में  बने प्रोफेसर 

आईआईटी दिल्ली में  बने प्रोफेसर, Professor at IIT Delhi
इतना ही नहीं उन्होंने डेंटल विभाग में पोस्ट डॉक्टरेट एवं समाजशास्त्र विभाग डलहौजी यूनिवर्सिटी जो कनाडा में है, वहां से फैलोशिप की डिग्री ली। इसके बाद आईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर बनने के बावजूद उन्होंने फिर यह नौकरी छोड़ दी। जब से इन्होंने नौकरी छोड़ी उसके बाद से यह मध्यप्रदेश के आदिवासी गांव में लोगों के बीच रह रहे हैं, यहां तक कि इनका खानपान भी बिल्कुल एक बेहद साधारण व्यक्ति की तरह ही है।

बता दें कि यदि उनके प्रॉपर्टी की बात की जाए तो उनके पास केवल तीन कुर्ता और एक साइकिल है। अपने संपूर्ण जीवन में अब तक वह लगभग 50,000 पेड़ लगा चुके हैं। यहां तक कि वह हमेशा बीजों को एकत्र करते रहते हैं और उन्हें सभी लोगों को देते हैं ताकि वह वृक्षारोपण कार्य से लोगों को जागरूक कर सकें। उनके शुरुआती जीवन की बात करें तो आलोक आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ते थे और आज भी वह उन्हें गरीबी से लड़ने की हिम्मत दे रहे हैं और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

आश्चर्यचकित होकर देखते रह गए लोग

दिल्ली IIT के यह प्रोफ़ेसर कभी रघुराम राजन को पढ़ा चुके हैं ,अब 30 वर्षों से आदिवसियों के उत्थान के लिए जंगल मे रह रहे हैं

बता दें कि एक बार मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में हो रहे इलेक्शन के समय आलोक सागर पर वहां के स्थानीय अफसरों ने संदेह किया और उन्होंने वहां से जाने के लिए भी कह दिया था। लेकिन वहीं जब उन्होंने वहां के स्थानीय अफसरों और प्रशासन के अन्य अधिकारियों को अपने डिग्री दिखाई तो सभी लोग उन्हें आश्चर्यचकित होकर देखते ही रह गए। वहां थाने में जब आलोक जांच के लिए गए तो पता चला कि वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं बल्कि आईआईटी के पूर्व प्रोफेसर रह चुके एक बहुत बड़े हस्ती हैं।

आज भी आलोक अपने साइकिल से पूरे गांव में घूम घूम कर बच्चों को पढ़ाते हैं। इसके अलावा पेड़-पौधों की देखभाल करना भी उन्हें खूब पसंद है। यही उनके दिन भर के रुटीन का हिस्सा है। जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में रहने से पहले वह उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में रह चुके हैं, जिसमें जमशेदपुर, होशंगाबाद, बांदा, सिंहभूमि आदि शामिल है।